थिरकन परिवार मे आपका स्वागत है। * अगर आपकी रुचि सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों मे है तो आप हमें ई-मेल करें- thirkan@gmail.com * थिरकन सफलतापूर्वक उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड़ मे कार्य कर रही है * थिरकन संगीत और नृत्य कार्यशाला का आयोजन करेगी * थिरकन ने बनाया क्लॉथ बैंक * थिरकन ने कराया गरीब कन्याओं का विवाह * थिरकन चला रही है पुलिस के साथ मिलकर परिवारों को एक करने का अभियान *

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Sunday, November 14, 2010

थिरकन ने मनाया बाल दिवस

सामाजिक एंव सांस्कृतिक संस्था थिरकन वैलफेयर एसोसिएशन (रजि.) का मिशन लगातार आगे बढ़ रहा है। संस्था बिना किसी सरकारी आर्थिक सहायता के गरीब, मजबूर औऱ बेसहारा लोगों की मदद मे जुटी हुई है। संस्था ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु का जन्मदिन वैशाली की झुग्गियों मे रहने वाले बच्चों के साथ मनाया।
बाल दिवस के मौके पर थिरकन वैलफेयर एसोसिएशन ने वैशाली सेक्टर-4 की झुग्गियों मे रहने वाले बच्चों को फल और मिठाईयां बांटी। इस मौके पर संस्था ने बच्चों के अधिकारों और शिक्षा के अधिकार की मांग को दर्शाते पोस्टर भी बांटें। संस्था की अध्यक्षा श्रीमती स्नेहलता सिंह ने कहा कि बाल दिवस मनाने के पीछे बाल विकास और शिक्षा को लेकर जागरुकता सबसे अहम मकसद था लेकिन वक्त के साथ-साथ ये मकसद कहीं खो गया है। यही वजह है कि आज हमारे देश में लाखों बच्चों को बालश्रम मे धकेल दिया जाता है। संस्था अध्यक्ष ने अपील करते हुये कहा कि बच्चों को समान रुप से शिक्षा का अधिकार मिलना चाहिये। ताकि उनका आने वाला कल सुरक्षित और उज्जवल हो।
थिरकन की सचिव और प्रख्यात टीवी एंकर नन्दिनी सिंह ने बच्चों को संदेश देते हुये कहा कि जब मानव का जन्म होता है तो वो केवल कोरा कागज़ होता है लेकिन शिक्षा पा लेने के बाद वो ज्ञान की किताब बन जाता है। कहने का मतलब ये है कि शिक्षा और ज्ञान एक आम इन्सान को बेहतर नागरिक बना देते हैं जो दूसरों की ज़िन्दगी मे भी ज्ञाम की रोशनी कर सकता है।
इस मौके पर संस्था की अध्यक्ष स्नेहलता सिंह और सचिव नन्दिनी सिंह के अलावा सन्दीप सिंह और ममता सिद्धार्थ ने स्लम एरिया के बच्चों को फल और मिठाईयां बांटी। कार्यक्रम मे भागेदारी करने वाले बच्चों में गुड्डू, शबाना, अज़ीम, चाँदनी, साहिल एहसान, तारा, रोशनी, रुही, अंगूरी और वन्दना आदि के नाम प्रमुख हैं। इस दौरान थिरकन स्कूल मे पढ़ने वाले बच्चों की उपस्थिति भी खास रही।

Friday, November 12, 2010

Do You Know?


Do you know that according to RTE, all children between the ages of 6 and 14 shall have the right to free and compulsoryelementary education at a neighborhood school. There is no direct (school fees) or indirect cost (uniforms, textbooks, mid-day meals, transportation) to be borne by the child or the parents to obtain ...elementary education. The government will provide schooling free-of-costuntil a child’s elementary education is completed.” Share this with your friends and family. Please log on to- www.thirkanthengo.blogspot.com

Saturday, November 6, 2010

“थिरकन” की दिवाली


“थिरकन” की हमेशा ये कोशिश रही है कि किसी भी बड़े पर्व की खुशियां उन लोगों के साथ बांटी जायें जिनके पास पर्व मनाने के लिये आर्थिक साधन नही हैं। हर साल इसी संकल्प के चलते “थिरकन” ऐसे लोगों तक पंहुचने के प्रयास करती है। इस बार दिवाली का त्यौहार “थिरकन” ने गाज़ियाबाद के उन बच्चों के साथ मनाया जो झुग्गियों और सड़कों पर रहने को मजबूर हैं।
देश मे ऐसे लाखों बच्चें है जो गरीबी और मजबूरी के चलते अपने त्यौहार नही मना पाते। लेकिन आपकी एक कोशिश उन चेहरों पर मुस्कान ला सकती है। “थिरकन” पिछले नौ सालों से बिना किसी सरकारी आर्थिक मदद के अपने मिशन को आगे बढा रही है। जिसमें गरीब बच्चों के लिये फ्री स्कूल और क्लॉथ बैंक जैसे काम शामिल हैं। इस बार दिवाली पर “थिरकन” ने गाज़ियाबाद के वैशाली इलाके की झुग्गियों मे रहने वाले करीब पच्चीस बच्चों को उपहार दिये। उपहार की शक्ल मे मिठाई, फल, खील बताशे और पटाखे शामिल थे। बच्चें “थिरकन” से ये उपहार पाकर काफी खुश दिखाई दिये। “थिरकन” की ओर से इन बच्चों के परिवार वालों को भी मिठाई भिजवाई गयी। इस तरह से “थिरकन” ने इस दिवाली के त्यौहार पर कई चेहरों पर खुशियों की रोशनी लाने की कोशिश की। संस्था की ये कोशिश लगातार जारी रहेगी। “थिरकन” आप सभी से अपील करती है। इस तरह के बच्चों की मदद के लिये आगे आयें। क्योंकि आपका छोटा सा सहयोग किसी बच्चे के लिये एक बड़ी मदद साबित हो सकता है। आप “थिरकन” को किसी भी प्रकार से सहयोग कर सकते हैं। आप अपने पुराने और छोटे हो चुके कपड़े भी “थिरकन” क्लॉथ बैंक को दान कर सकते हैं। “थिरकन” को सहयोग करने के लिये आप हमें thirkan@gmail.com पर लिखें या फिर http://www.thirkanthengo.blogspot.com/ पर लॉगइन करें। हमारा मकसद कुछ मासूम चेहरों पर मुस्कान।