
May this year 2011 be
A year of health & Happiness
A year of wealth & Wisdom
A year of Peace & Prosperity
A year of Glee & Glow
And also a year of Love & laughter.....
Wish You Very HAPPY NEW YEAR
सामाजिक एंव सांस्कृतिक दिशा मे एक सामुहिक प्रयास

हमारे देश मे आज भी कन्या भ्रूण हत्या के मामले आये दिन सामने आते रहते हैं। आज़ादी के 60 साल बीत जाने के बावजूद आज भी इस बेरहम परम्परा के प्रति लोगों मे जागरुकता की कमी नज़र आती है। कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के मकसद से थिरकन वैलफेयर एसोसिएशन (रजि.) और भारत, यूरोप की मशहूर फैशन डिज़ाइनर सन्जना जॉन मिलकर “सेव गर्ल चाइल्ड” मुहीम चला रहे हैं। इसी मुहीम के तहत रविवार को मेहरौली के एक फार्म हॉउस मे सन्जना जॉन के नेतृत्व मे सेव गर्ल चाइल्ड कैम्पेन फोटो शूट किया गया। इस शूट मे देश के मशहूर मॉडलिंग फोटोग्राफर शमीम अख्तर ने सेव गर्ल चाइल्ड़ थीम को कैमरे मे कैद किया। इस शूट मे सन्जना के अलावा चाइल्ड मॉडल बेबी खुशी और अन्य छः मॉडल्स ने भाग लिया। ये सारे फोटो अलग-अलग वेबसाइटस् और मैगज़ीनस् के ज़रीये लोगों को “सेव गर्ल चाइल्ड” का सन्देश देगें। बॉलीवुड़ स्टॉर सलमान खान की चैरीटी संस्था Being Human के साथ काम कर रही मशहूर फैशन डिज़ाइनर सन्जना जॉन ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या दुनिया का सबसे बड़ा पाप है। इसे रोकने के लिये हम सभी को अपने स्तर पर प्रयास करने चाहिये। उन्होने थिरकन के काम की सराहना करते हुये कहा कि जिस तरह से ये संस्था बिना किसी सरकारी मदद के समाज सेवा और जागरुकता के काम कर रही है वो दूसरी संस्थाओं के लिये प्रेरणादायक है। उन्होने अपील करते हुये कहा कि लोगों को ऐसी संस्थाओं की मदद के लिये आगे आना चाहिये।
थिरकन की सचिव और टीवी एंकर नन्दिनी सिंह ने बताया कि एसोसिएशन लगातार यूपी और एनसीआर मे शिक्षा और स्वास्थ जागरुकता को लेकर काम कर रही है। इसी के चलते गाज़ियाबाद के वैशाली की झुग्गियों मे रहने वाले गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा भी दी जा रही है। इसके अलावा संस्था के क्लॉथ बैंक के ज़रीये सैंकड़ों गरीब बेसहारा लोगों को कपड़े बांटने का काम किया जा रहा है। संस्था की अध्यक्षा श्रीमती स्नेहलता सिंह ने बताया कि सेव गर्ल चाइल्ड़ कैम्पेन आगे भी जारी रहेगा। उन्होने जानकारी देते हुये बताया कि थिरकन और सन्जना जॉन जनवरी 2011 मे एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित करेगें।
सेव गर्ल चाइल्ड़ फोटो शूट के दौरान ताज एसोसिएशन फॉर आर्ट, कल्चर एण्ड हैरीटेज का सहयोग रहा। इस मौके पर एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश थापर, उपाध्यक्ष अरुण के खन्ना, नीना गुलाटी, शकील अख्तर, दीप्ती, प्रियंका, ममता सिद्धार्थ और संदीप कुमार आदि मौजूद रहे।
वैशाली। प्रदेश की जानी-मानी सामाजिक संस्था थिरकन वैलफेयर एसोसिएशन (रजि.) का सेवा अभियान तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। संस्था पिछले कई सालों से उत्तर प्रदेश और एनसीआर के अलग-अलग शहरों मे समाज सेवा के कार्य करती आ रहा है। इसी सिलसिले को जारी रखते हुये थिरकन क्लॉथ बैंक ने वैशाली सेक्टर-4 की झुग्गियों मे रहने वाले परिवारों को कपड़े बांटे।
सामाजिक एंव सांस्कृतिक संस्था थिरकन वैलफेयर एसोसिएशन (रजि.) का मिशन लगातार आगे बढ़ रहा है। संस्था बिना किसी सरकारी आर्थिक सहायता के गरीब, मजबूर औऱ बेसहारा लोगों की मदद मे जुटी हुई है। संस्था ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु का जन्मदिन वैशाली की झुग्गियों मे रहने वाले बच्चों के साथ मनाया।

“थिरकन” की हमेशा ये कोशिश रही है कि किसी भी बड़े पर्व की खुशियां उन लोगों के साथ बांटी जायें जिनके पास पर्व मनाने के लिये आर्थिक साधन नही हैं। हर साल इसी संकल्प के चलते “थिरकन” ऐसे लोगों तक पंहुचने के प्रयास करती है। इस बार दिवाली का त्यौहार “थिरकन” ने गाज़ियाबाद के उन बच्चों के साथ मनाया जो झुग्गियों और सड़कों पर रहने को मजबूर हैं।
थिरकन वैलफेयर एसोसिएशन (रजि.) लगातार अपने मिशन को जारी रखे हुये है। थिरकन के मिशन को आगे बढाने के लिये संस्था के सदस्यों और सहयोगियों का बड़ा योगदान रहता है। अपने पिछले नौ सालों के सफर में थिरकन ने कई काम किये हैं जो समाज के लिये उपयोगी साबित हो रहे हैं। थिरकन ने इसी मकसद के चलते क्लॉथ बैंक की स्थापना की और सैंकड़ों गरीब बेसहारा लोगों को तन ढकने के लिये कपड़े और ज़रुरत का सामान भी दिया। इन सभी कामों के साथ थिरकन ने गरीब, बेसहारा और फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों में ज्ञान की अलख जलाने के लिये थिरकन स्कूल की शुरुआत की। पहले से सफलतापूर्वक 12 बच्चों की शिक्षा की ज़िम्मेदारी उठाने वाली संस्था थिरकन ने गाज़ियाबाद के वैशाली मे 15 बच्चों को पढाने का काम शुरु किया है। ये सभी बच्चे झुग्गियों और फुटपाथ पर रहने वाले हैं। इन्हे पढाने के लिये स्टेशनरी का सारा सामान भी थिरकन ने निशुल्क उपलब्ध कराया है। इन बच्चों को पढाने की ज़िम्मेदारी खुद संस्था की सचिव श्रीमती नन्दिनी सिंह ने ली है। जो टीवी पत्रकारिता के साथ-साथ शिक्षण का लम्बा अनुभव रखती हैं। थिरकन सभी लोगों से अपील करती है कि समाज मे रहने वाले जो लोग सक्षम हैं वो ऐसे लोगों की मदद के लिये आगे आयें ताकि कुछ लोगों की ज़िन्दगी मे शिक्षा का उजाला हो सके। अगर आप ऐसे बच्चों की मदद करना चाहते हैं तो हमें thirkan@gmail.com पर लिखें या http://www.thirkanthengo.blogspot.com/ पर लॉग ऑन करें।
उत्तर प्रदेश एंव एनसीआर की जानी-
मानी प्रख्यात सामाजिक संस्था “थिरकन” अपने मिशन को लगातार आगे बढा रही है। पिछले नौ सालों से सामाजिक जागरुकता और समाज सेवा के कार्यों को “थिरकन” ने बिना किसी सरकारी आर्थिक मदद के अन्जाम दिया है। शनिवार को संस्था के कार्यकर्ताओं के साथ मशहूर फैशन डिज़ाइनर सन्जना जॉन ने गाज़ियाबाद के इन्द्रापुरम मे सैंकड़ो ज़रुरतमदों को कपड़े वितरित किये। इस दौरान गाज़ियाबाद के एस.पी. कैप्टन एम.एम. बैग भी मौजूद थे।
आज़ादी का जश्न हम सब मना रहे हैं। लेकिन आज़ादी के मायने क्या हैं इस पर हम सब को सोचना चाहिये। हमें आज़ादी तो मिली पर उसके साथ कुछ ज़िम्मेदारियां भी आयीं। क्या हमने उन ज़िम्मेदारियों के प्रति ईमानदारी दिखाई? अगर नही तो आज फिर मौका है उस ज़िम्मेदारी को निभाने का...... “थिरकन” सभी देशवासियों से अपील करती है कि हम सब देश की प्रति अपनी ज़िम्मेदारी को समझे और आज़ादी के जश्न को सार्थक बनाते हुये एक पेड़ या पौधा अपने घर या आस-पास कहीं भी ज़रुर लगायें। ताकि हमारे पर्यावरण को भी प्रदुषण से आज़ादी मिल सके और हमारा कल भी प्रदुषण से आज़ाद हो।
The THIRKAN celebrating International women's day. Women's Day or Working Women's Day is a day of international solidarity, and a day for reviewing the strength and organization of proletarian women.It was decided to have a Woman's Day in every country as a form of struggle in getting working women to vote. This day was to be a day of international solidarity in the fight for common objectives and a day for reviewing the organized strength of working women under the banner of socialism.
प्रख्यात सामाजिक संस्था "थिरकन" का मिशन तेज़ी के साथ आगे बढ़ रहा है। संस्था के स्वंयसेवीयों ने यमुनापार के महर्षि दयानन्द आश्रम मे जाकर अनाथ बेसहारा बच्चों की समस्याऐं सुनी और उन्हे ज़रुरत का सामान देने के साथ-साथ कपड़े भी बांटे। इस मौके पर फिरोज़ाबाद जाने से पहले एस.पी. सिटी ने इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की।
उत्तर प्रदेश की प्रख्यात सामाजिक संस्था "थिरकन" ने एक बार फिर अपने मिशन को अमली जामा पहनाया। इस बार संस्था के सेवियों ने सूरकुटी जाकर नेत्रहीनों के साथ वक्त बिताया और उनकी समस्याऐं भी सुनी। संस्था की ओर से उन्हे ज़रुरत का सामान और फल भी वितरित किये गये। इस दौरान एस.पी.सिटी उदय प्रताप भी संस्था की और से मौजूद रहे।
"थिरकन" परिवार ने नये साल के पहले दिन कई ओर असहाय और गरीब बच्चों को साक्षर बनाने का प्रण लिया है। "थिरकन" पहले से ही ऐसे पांच बच्चों को स्कूली शिक्षा दिला रही है जिनका परिवार उन्हे पढाने सक्षम नही है। बिना किसी सराकारी मदद के संस्था अपने सदस्यों और सहयोगियों के बल पर ही इस काम को अन्जाम दे पा रही है। संस्था ने इस नये साल में भी कई तरह के सामाजिक कार्य करने की योजना बनाई है। जिनमे शिक्षा के अलावा सांस्कृतिक प्रशिक्षण, स्वास्थ जागरुकता और महिला उत्थान के कार्यक्रम प्रमुख हैं। इसके साथ ही "थिरकन" ने इस वर्ष स्वंयसेवी बनाने का निर्णय भी लिया है। जिसके तहत सामाजिक एंव रचनात्मक कार्यों मे रुचि रखने वाले प्रदेशभर के लोगों को संस्था से जोड़ा जायेगा। इस सम्बन्ध मे जानकारी के लिये या फिर संस्था को किसी भी तरह का सहयोग करने के लिये +91-941-242-6969 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
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