हमारे देश मे कई तरह की संस्कृतियों का मिलन होता है। हमारा देश दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां कई तरह के लोग बसते हैं जिनका रहन सहन, खाना-पीना और पहनावा भी जुदा-जुदा होता है लेकिन उसके बावजूद हम सब हिन्दुस्तानी हैं। और हमे विरासत मे मिला है संगीत और लोककलाओं का अनोखा खजाना। संगीत और कलाऐं हमारे देश की पहचान है। सारी दुनिया हमारे देश को संस्कृति और सांस्कृतिक विरासत के लिये जानती है। हमें इस बात का गर्व है कि हमारे पास एक अनमोल विरासत है जिसे सहज कर रखना हर देशवासी की जिम्मेदारी है।
सामाजिक एंव सांस्कृतिक संस्था "थिरकन" और जानी-मानी मीड़िया, थियेटर एंव ईवेन्ट कम्पनी "रंगकर्मी" संगीत और लोककलाओं को लेकर एक खास कार्यक्रम का आयोजन करने जा रही है। जिसके शो श्रृंखलाबद्ध तरीके से अलग-अलग शहरों मे किये जाने की योजना है। "विरासत" नाम के इस शो मे देश के नामी कलाकारों के अलावा ऐसे कलाकारों को भी शामिल किया जायेगा जो किसी ना किसी वजह से सही मंच तक नही जा सके।
Monday, September 8, 2008
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