उत्तर प्रदेश एंव एनसीआर की जानी-मानी प्रख्यात सामाजिक संस्था “थिरकन” अपने मिशन को लगातार आगे बढा रही है। पिछले नौ सालों से सामाजिक जागरुकता और समाज सेवा के कार्यों को “थिरकन” ने बिना किसी सरकारी आर्थिक मदद के अन्जाम दिया है। शनिवार को संस्था के कार्यकर्ताओं के साथ मशहूर फैशन डिज़ाइनर सन्जना जॉन ने गाज़ियाबाद के इन्द्रापुरम मे सैंकड़ो ज़रुरतमदों को कपड़े वितरित किये। इस दौरान गाज़ियाबाद के एस.पी. कैप्टन एम.एम. बैग भी मौजूद थे।
तयशुदा कार्यक्रम के मुताबिक “थिरकन” से जुड़े सभी सामाजिक कार्यकर्ता और भारत एंव यूरोप की मशहूर फैशन ड़िज़ाइनर सन्जना जॉन इन्द्रापुरम, ज्ञान खण्ड दो की झुग्गियों मे पंहुचे और यहां बारी बारी से बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को कपड़े बांटे गये। इस दौरान गाज़ियाबाद के एस.पी.(आर) कैप्टन एम.एम.बैग और इन्द्रापुरम के एसएचओ राजेश द्विवेदी ने भी कार्यक्रम मे शामिल होकर लोगों को कपड़े वितरित किये।
कपड़े वितरित किये जाने के बाद प्रख्यात फैशन ड़िज़ाइनर सन्जना जॉन ने कहा कि वो पिछले कई सालों से इस तरह के काम करती आ रही हैं लेकिन “थिरकन” का जो मकसद है उसने उन्हे प्रभावित भी किया और उनके साथ आने की प्रेरणा भी दी। उन्होने बताया कि वो कई दुनिया के कई देशों मे घूमती हैं लेकिन “थिरकन” जैसी संस्थाऐं केवल भारत मे ही देखने को मिलती है। उन्होने कहा कि वो जल्द ही “थिरकन” के साथ इस तरह का एक बड़ा आयोजन करेंगीं।
एस.पी. कैप्टन एम.एम.बैग ने इस मौके पर कहा कि जिस तरह से “थिरकन” पिछले कई सालों से सामाजिक कार्यों मे जुटी है वो प्रशंसा के योग्य है। उनका कहना था कि “थिरकन” क्लॉथ बैंक की तरह अन्य संस्थाओं को भी आगे आकर समाज की सेवा करनी चाहिये।
झुग्गी के लोगों की तरफ से रुपा देवी ने “थिरकन” संस्था के लोगों का आभार जताया। रुपा देवी ने बताया कि पहली बार किसी संस्था ने उनकी झुग्गियों मे आकर इस तरह से कपड़े वितरित किये हैं। इससे यहां रहने वाले सभी लोगों को खुशी हुई है।
“थिरकन” की अध्यक्षा श्रीमती स्नेहलता सिंह ने बताया कि “थिरकन” ने तीन साल पहले गरीबों और ज़रुरतमन्दो का तन ढकने के लिये क्लॉथ बैंक की स्थापना की थी। तब से अब तक संस्था कई जगह पर कपड़ों का वितरण कर चुकी है। उन्होने जानकारी देते हुये बताया कि लोगों के घरों मे अक्सर जब कपड़े छोटे हो जाते हैं या उनसे मन भर जाता है तो ऐसे कपड़ों को फैंक दिया जाता है या फिर उन्हे डस्टिंग और सफाई के काम लाया जाता है। देश मे हज़ारों ऐसे लोग हैं जिनके पास अपना तन ढकने के लिये कपड़े नही हैं। ऐसे लोगों के लिये हमारे पुराने कपड़े नये जैसे ही होते हैं। “थिरकन” लोगों से अपील करती है कि लोग ज़्यादा से ज़्यादा ऐसे कपड़ों को दान करें ताकि किसी गरीब का तन ढ़क सके। “थिरकन” का कहना है कि आपके पुराने कपड़े किसी गरीब का सपना हो सकते हैं।
करीब एक घन्टे चले इस कार्यक्रम में बिना किसी औपचारिकता के लगभग 110 लोगों को कपड़े दिये गये। “थिरकन” ने आगे भी यहां कपड़े देने का आश्वासन झुग्गी वासियों को दिया। इस मौके पर संस्था की सचिव और प्रख्यात टीवी एंकर नन्दनी सिंह, श्रीमती प्रियंका, शिवांग, संन्दीप कुमार, नन्दन सिंह पंवार, अनुराग चढ्ढा, कु. पूर्ति, भोलेनाथ शर्मा, दुर्गा और सुनील कुमार आदि ने कार्यक्रम में सहयोग किया।
Saturday, August 21, 2010
Saturday, August 14, 2010
एक पौधा आज़ादी का......
आज़ादी का जश्न हम सब मना रहे हैं। लेकिन आज़ादी के मायने क्या हैं इस पर हम सब को सोचना चाहिये। हमें आज़ादी तो मिली पर उसके साथ कुछ ज़िम्मेदारियां भी आयीं। क्या हमने उन ज़िम्मेदारियों के प्रति ईमानदारी दिखाई? अगर नही तो आज फिर मौका है उस ज़िम्मेदारी को निभाने का...... “थिरकन” सभी देशवासियों से अपील करती है कि हम सब देश की प्रति अपनी ज़िम्मेदारी को समझे और आज़ादी के जश्न को सार्थक बनाते हुये एक पेड़ या पौधा अपने घर या आस-पास कहीं भी ज़रुर लगायें। ताकि हमारे पर्यावरण को भी प्रदुषण से आज़ादी मिल सके और हमारा कल भी प्रदुषण से आज़ाद हो।
जय हिन्द।
जय हिन्द।
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