आप सब को भी क्रिसमिस की हार्दिक शुभकामनाऎं. हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है. ज्ञान की सार्थकता भी इसी में है कि जो कुछ हमारे पास है, उससे समाज भी लाभान्वित हो सके. खूब लिखें,अच्छा लिखें
भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है। लिखते रहिए लिखने वालों की मंज़िल यही है । कविता,गज़ल और शेर के लिए मेरे ब्लोग पर स्वागत है । मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें www.zindagilive08.blogspot.com आर्ट के लिए देखें www.chitrasansar.blogspot.com
आपका ब्लॉग देखा बहुत अच्छा लगा.... मेरी कामना है कि आपके शब्दों को नए अर्थ, नए रूप और विराट संप्रेषण मिलें जिससे वे जन-सरोकारों के समर्थ सार्थवाह बन सकें.......
कभी फुर्सत में मेरे ब्लॉग पर भी पधारें... http://www.hindi-nikash.blogspot.com
If you want to be a part of THIRKAN or you have any information or detail about any social programme, Event & Theatre activiti then pls mail us on :- thirkan@gmail.com
सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढावा देने के उद्देश्य से 15 फरवरी, 2000 को ताजमहल के शहर आगरा मे "थिरकन" सामाजिक एंव सांस्कृतिक संगठन की स्थापना की गयी। 12 मार्च, 2001 को "थिरकन" रजिस्टर्ड़ हो गयी। इस संगठन/संस्था की आधारशिला सामाजिक कार्यकर्ता के रुप मे प्रख्यात श्रीमति स्नेहलता सिंह ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर रखी। इसके बाद संस्था ने शहर के स्कूलों मे अनेक प्रकार के सांस्कृतिक एंव जागरुकता सम्बन्धी कार्यक्रम आयोजित करना शुरु किया। बाद मे शिक्षा, स्वास्थ और इसी तरह के कई मुद्दों को लेकर संस्था ने जागरुकता अभियान चलाये। सांस्कृतिक आयोजन के मामले मे भी संस्था पीछे नही रही। संस्था के कई कार्यक्रम आगरा के इतिहास मे मील का पत्थर बन गये। और ये सिलसिला आज भी जारी है। "थिरकन" के सात वर्ष का ये सफर यादगार रहा। इस बीच कई क्षेत्रों मे नाम कमा चुके लोग संस्था के साथ जुड़ गये। "थिरकन" अपने सतत प्रयासों के कारण आज इस मुकाम पर है। ये संस्था अब नई योजनाओं पर कार्य कर रही है जिसमें चिकित्सा सेवा, संक्रामक रोगों से बचाव की जानकारी, ग्लोबल वार्मिंग के प्रति जागरुकता और हमारी सांस्कृतिक विरासत से जुड़े कई कार्यक्रम शामिल है।
>> "थिरकन" बिना किसी सरकारी सहायता के निरन्तर नौ सालों से उत्तर प्रदेश में समाज सेवा के कार्य कर रही है। जिसमें अनाथ, फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों और गरीब विधवा महिलाओं की सहायता प्रमुख है। संस्था सदस्यों के द्वारा किये जाने वाले आर्थिक सहयोग से ही संचालित हो रही है।
अगर आप "थिरकन" को किसी भी प्रकार का आर्थिक या अन्य प्रकार का सहयोग करना चाहतें हैं। तो कृपया हमें thirkan@gmail.com पर लिखें अथवा हमें +91-9953-129-253, 941-242-6969 पर सम्पर्क करें।
--------------------------------------------------------------- "थिरकन" ने वर्ष 2007 मे गरीब असहाय लोगों का तन ढकने के मकसद से एक क्लॉथ बैंक शुरु किया। जिसमें संस्था के सदस्यों ने अपने वो पुराने कपड़े संस्था को दान किये जो उनके घर मे पहने नही जाते या फिर वो छोटे हो गये। संस्था ने इन कपड़ों को एकत्र कर गरीब और असहाय लोगों को वितरित करना शुरु कर दिया। "थिरकन" की इस मुहीम मे आप भी भागीदार बनिये और अपने पुराने या छोटे हो चुके कपड़े "थिरकन" क्लॉथ बैंक को दान किजीये। क्योकिं आपके पुराने कपड़े किसी गरीब और असहाय का सपना हो सकते हैं। कपड़े दान करने के लिये आप हमें thirkan@gmail.com लिखें या +91-9953-129-253, 941-242-6969 पर सम्पर्क करें। ---------------------------------------------------------------
9 comments:
आपको भी क्रिसमस की शुभकामनाएं
बहुत सुंदर विचार आपका लिखने पढने की दुनिया में स्वागत है
मेरे ब्लॉग पर भी पधारें
आप सब को भी क्रिसमिस की हार्दिक शुभकामनाऎं.
हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है.
ज्ञान की सार्थकता भी इसी में है कि जो कुछ हमारे पास है, उससे समाज भी लाभान्वित हो सके.
खूब लिखें,अच्छा लिखें
बहुत सुंदर विचार आपका
मेरे ब्लॉग पर भी पधारें
स्वागतम
ब्लॉग दुनिया में बांह फैलाकर
हम सब आपका अभिनन्दन
करतें हैं
मेरे ब्लॉग का भ्रमण कीजिए
शब्द पुष्टि हटाएँ
आपको भी क्रिसमिस की ढेरों बधाइयां और ब्लॉग की दुनिया में आपका स्वागत है।
भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
लिखते रहिए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लिए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
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आपका ब्लॉग देखा बहुत अच्छा लगा.... मेरी कामना है कि आपके शब्दों को नए अर्थ, नए रूप और विराट संप्रेषण मिलें जिससे वे जन-सरोकारों के समर्थ सार्थवाह बन सकें.......
कभी फुर्सत में मेरे ब्लॉग पर भी पधारें...
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सादर- आनंदकृष्ण, जबलपुर
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