“थिरकन” की हमेशा ये कोशिश रही है कि किसी भी बड़े पर्व की खुशियां उन लोगों के साथ बांटी जायें जिनके पास पर्व मनाने के लिये आर्थिक साधन नही हैं। हर साल इसी संकल्प के चलते “थिरकन” ऐसे लोगों तक पंहुचने के प्रयास करती है। इस बार दिवाली का त्यौहार “थिरकन” ने गाज़ियाबाद के उन बच्चों के साथ मनाया जो झुग्गियों और सड़कों पर रहने को मजबूर हैं।
देश मे ऐसे लाखों बच्चें है जो गरीबी और मजबूरी के चलते अपने त्यौहार नही मना पाते। लेकिन आपकी एक कोशिश उन चेहरों पर मुस्कान ला सकती है। “थिरकन” पिछले नौ सालों से बिना किसी सरकारी आर्थिक मदद के अपने मिशन को आगे बढा रही है। जिसमें गरीब बच्चों के लिये फ्री स्कूल और क्लॉथ बैंक जैसे काम शामिल हैं। इस बार दिवाली पर “थिरकन” ने गाज़ियाबाद के वैशाली इलाके की झुग्गियों मे रहने वाले करीब पच्चीस बच्चों को उपहार दिये। उपहार की शक्ल मे मिठाई, फल, खील बताशे और पटाखे शामिल थे। बच्चें “थिरकन” से ये उपहार पाकर काफी खुश दिखाई दिये। “थिरकन” की ओर से इन बच्चों के परिवार वालों को भी मिठाई भिजवाई गयी। इस तरह से “थिरकन” ने इस दिवाली के त्यौहार पर कई चेहरों पर खुशियों की रोशनी लाने की कोशिश की। संस्था की ये कोशिश लगातार जारी रहेगी। “थिरकन” आप सभी से अपील करती है। इस तरह के बच्चों की मदद के लिये आगे आयें। क्योंकि आपका छोटा सा सहयोग किसी बच्चे के लिये एक बड़ी मदद साबित हो सकता है। आप “थिरकन” को किसी भी प्रकार से सहयोग कर सकते हैं। आप अपने पुराने और छोटे हो चुके कपड़े भी “थिरकन” क्लॉथ बैंक को दान कर सकते हैं। “थिरकन” को सहयोग करने के लिये आप हमें thirkan@gmail.com पर लिखें या फिर http://www.thirkanthengo.blogspot.com/ पर लॉगइन करें। हमारा मकसद कुछ मासूम चेहरों पर मुस्कान।
देश मे ऐसे लाखों बच्चें है जो गरीबी और मजबूरी के चलते अपने त्यौहार नही मना पाते। लेकिन आपकी एक कोशिश उन चेहरों पर मुस्कान ला सकती है। “थिरकन” पिछले नौ सालों से बिना किसी सरकारी आर्थिक मदद के अपने मिशन को आगे बढा रही है। जिसमें गरीब बच्चों के लिये फ्री स्कूल और क्लॉथ बैंक जैसे काम शामिल हैं। इस बार दिवाली पर “थिरकन” ने गाज़ियाबाद के वैशाली इलाके की झुग्गियों मे रहने वाले करीब पच्चीस बच्चों को उपहार दिये। उपहार की शक्ल मे मिठाई, फल, खील बताशे और पटाखे शामिल थे। बच्चें “थिरकन” से ये उपहार पाकर काफी खुश दिखाई दिये। “थिरकन” की ओर से इन बच्चों के परिवार वालों को भी मिठाई भिजवाई गयी। इस तरह से “थिरकन” ने इस दिवाली के त्यौहार पर कई चेहरों पर खुशियों की रोशनी लाने की कोशिश की। संस्था की ये कोशिश लगातार जारी रहेगी। “थिरकन” आप सभी से अपील करती है। इस तरह के बच्चों की मदद के लिये आगे आयें। क्योंकि आपका छोटा सा सहयोग किसी बच्चे के लिये एक बड़ी मदद साबित हो सकता है। आप “थिरकन” को किसी भी प्रकार से सहयोग कर सकते हैं। आप अपने पुराने और छोटे हो चुके कपड़े भी “थिरकन” क्लॉथ बैंक को दान कर सकते हैं। “थिरकन” को सहयोग करने के लिये आप हमें thirkan@gmail.com पर लिखें या फिर http://www.thirkanthengo.blogspot.com/ पर लॉगइन करें। हमारा मकसद कुछ मासूम चेहरों पर मुस्कान।
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