थिरकन परिवार मे आपका स्वागत है। * अगर आपकी रुचि सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों मे है तो आप हमें ई-मेल करें- thirkan@gmail.com * थिरकन सफलतापूर्वक उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड़ मे कार्य कर रही है * थिरकन संगीत और नृत्य कार्यशाला का आयोजन करेगी * थिरकन ने बनाया क्लॉथ बैंक * थिरकन ने कराया गरीब कन्याओं का विवाह * थिरकन चला रही है पुलिस के साथ मिलकर परिवारों को एक करने का अभियान *

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Friday, December 31, 2010

HAPPY NEW YEAR 2011


May this year 2011 be

A year of health & Happiness

A year of wealth & Wisdom

A year of Peace & Prosperity

A year of Glee & Glow

And also a year of Love & laughter.....

Wish You Very HAPPY NEW YEAR

Sunday, December 12, 2010

थिरकन और सन्जना की “सेव गर्ल चाइल्ड” मुहीम

हमारे देश मे आज भी कन्या भ्रूण हत्या के मामले आये दिन सामने आते रहते हैं। आज़ादी के 60 साल बीत जाने के बावजूद आज भी इस बेरहम परम्परा के प्रति लोगों मे जागरुकता की कमी नज़र आती है। कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के मकसद से थिरकन वैलफेयर एसोसिएशन (रजि.) और भारत, यूरोप की मशहूर फैशन डिज़ाइनर सन्जना जॉन मिलकर सेव गर्ल चाइल्ड मुहीम चला रहे हैं। इसी मुहीम के तहत रविवार को मेहरौली के एक फार्म हॉउस मे सन्जना जॉन के नेतृत्व मे सेव गर्ल चाइल्ड कैम्पेन फोटो शूट किया गया। इस शूट मे देश के मशहूर मॉडलिंग फोटोग्राफर शमीम अख्तर ने सेव गर्ल चाइल्ड़ थीम को कैमरे मे कैद किया। इस शूट मे सन्जना के अलावा चाइल्ड मॉडल बेबी खुशी और अन्य छः मॉडल्स ने भाग लिया। ये सारे फोटो अलग-अलग वेबसाइटस् और मैगज़ीनस् के ज़रीये लोगों को सेव गर्ल चाइल्ड का सन्देश देगें। बॉलीवुड़ स्टॉर सलमान खान की चैरीटी संस्था Being Human के साथ काम कर रही मशहूर फैशन डिज़ाइनर सन्जना जॉन ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या दुनिया का सबसे बड़ा पाप है। इसे रोकने के लिये हम सभी को अपने स्तर पर प्रयास करने चाहिये। उन्होने थिरकन के काम की सराहना करते हुये कहा कि जिस तरह से ये संस्था बिना किसी सरकारी मदद के समाज सेवा और जागरुकता के काम कर रही है वो दूसरी संस्थाओं के लिये प्रेरणादायक है। उन्होने अपील करते हुये कहा कि लोगों को ऐसी संस्थाओं की मदद के लिये आगे आना चाहिये।

थिरकन की सचिव और टीवी एंकर नन्दिनी सिंह ने बताया कि एसोसिएशन लगातार यूपी और एनसीआर मे शिक्षा और स्वास्थ जागरुकता को लेकर काम कर रही है। इसी के चलते गाज़ियाबाद के वैशाली की झुग्गियों मे रहने वाले गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा भी दी जा रही है। इसके अलावा संस्था के क्लॉथ बैंक के ज़रीये सैंकड़ों गरीब बेसहारा लोगों को कपड़े बांटने का काम किया जा रहा है। संस्था की अध्यक्षा श्रीमती स्नेहलता सिंह ने बताया कि सेव गर्ल चाइल्ड़ कैम्पेन आगे भी जारी रहेगा। उन्होने जानकारी देते हुये बताया कि थिरकन और सन्जना जॉन जनवरी 2011 मे एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित करेगें।

सेव गर्ल चाइल्ड़ फोटो शूट के दौरान ताज एसोसिएशन फॉर आर्ट, कल्चर एण्ड हैरीटेज का सहयोग रहा। इस मौके पर एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश थापर, उपाध्यक्ष अरुण के खन्ना, नीना गुलाटी, शकील अख्तर, दीप्ती, प्रियंका, ममता सिद्धार्थ और संदीप कुमार आदि मौजूद रहे।

Wednesday, December 1, 2010

थिरकन ने वैशाली में बांटे कपडे

वैशाली। प्रदेश की जानी-मानी सामाजिक संस्था थिरकन वैलफेयर एसोसिएशन (रजि.) का सेवा अभियान तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। संस्था पिछले कई सालों से उत्तर प्रदेश और एनसीआर के अलग-अलग शहरों मे समाज सेवा के कार्य करती आ रहा है। इसी सिलसिले को जारी रखते हुये थिरकन क्लॉथ बैंक ने वैशाली सेक्टर-4 की झुग्गियों मे रहने वाले परिवारों को कपड़े बांटे।
सेक्टर-4, बिजलीघर पार्क के साथ करीब 40 झुग्गियां हैं जहां लगभग 120 लोग रहते हैं। सामाजिक संस्था "थिरकन" के क्लॉथ बैंक ने यहां पहले सर्वे किया और उसके बाद आज यहां महिलाओं और पुरुषों को कपड़े वितरित किये। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) कैप्टन एम.एम.बैग ने कार्यक्रम में पंहुचकर संस्था के सदस्यों के साथ मिलकर कपड़े बांटें। एस.पी. कैप्टन एम.एम.बैग ने थिरकन के कार्यों की सरहना करते हुये कहा कि वो पिछले लगभग पांच सालों से थिरकन के कामों को देख रहे हैं। उन्होने कहा कि जिस तरह से थिरकन वैलफेयर एसोसिएशन निस्वार्थ भाव से समाज की सेवा कर रही है वो दूसरों के लिये प्रेरणादायक है। उन्होने थिरकन स्कूल मे गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा दिये जाने को भी सराहा। कार्यक्रम मे आये वरिष्ठ पत्रकार एंव राजनैतिक चिन्तक यूसुफ अन्सारी ने कहा कि थिरकन का जो मकसद है वो नेक है। लोगों को संस्था की मदद के लिये आगे आना चाहिये।
संस्था की अध्यक्षा श्रीमती स्नेहालता सिंह ने बताया कि थिरकन पिछले नौ सालों से बिना किसी सरकारी आर्थिक सहायता के कार्य कर रही है। इस दौरान संस्था ने बेसहारा गरीब बच्चों की पढाई का जिम्मा लेने के साथ-साथ स्वास्थ जागरुकता के कार्यक्रम भी आयोजित किये हैं। संस्था के सदस्यों की मदद से ही कार्यक्रम आयोजित किये जाते रहे हैं। संस्था सचिव एंव टीवी एंकर नन्दिनी सिंह ने बताया कि संस्था का क्लॉथ बैंक असहाय और गरीब लोगों का तन ढकने के लिये हर सम्भव कोशिश मे जुटा है। इस बैंक को कोई भी अपने पुराने या छोटे हो चुके कपड़े दान कर सकता है। ज़रुरत इस बात की है कि शहर के लोगों को ऐसी संस्थाओं की मदद के लिये आगे आना चाहिये।
इस मौके पर संस्था के सदस्य संदीप कुमार, प्रियंका सिंह, कु.ममता सिद्धार्थ, एसआई संजीव कुमार, हसीब खान, खुशी, प्रियंका शर्मा और श्रीमती शबनम अन्सारी आदि का सहयोग रहा।

Sunday, November 14, 2010

थिरकन ने मनाया बाल दिवस

सामाजिक एंव सांस्कृतिक संस्था थिरकन वैलफेयर एसोसिएशन (रजि.) का मिशन लगातार आगे बढ़ रहा है। संस्था बिना किसी सरकारी आर्थिक सहायता के गरीब, मजबूर औऱ बेसहारा लोगों की मदद मे जुटी हुई है। संस्था ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु का जन्मदिन वैशाली की झुग्गियों मे रहने वाले बच्चों के साथ मनाया।
बाल दिवस के मौके पर थिरकन वैलफेयर एसोसिएशन ने वैशाली सेक्टर-4 की झुग्गियों मे रहने वाले बच्चों को फल और मिठाईयां बांटी। इस मौके पर संस्था ने बच्चों के अधिकारों और शिक्षा के अधिकार की मांग को दर्शाते पोस्टर भी बांटें। संस्था की अध्यक्षा श्रीमती स्नेहलता सिंह ने कहा कि बाल दिवस मनाने के पीछे बाल विकास और शिक्षा को लेकर जागरुकता सबसे अहम मकसद था लेकिन वक्त के साथ-साथ ये मकसद कहीं खो गया है। यही वजह है कि आज हमारे देश में लाखों बच्चों को बालश्रम मे धकेल दिया जाता है। संस्था अध्यक्ष ने अपील करते हुये कहा कि बच्चों को समान रुप से शिक्षा का अधिकार मिलना चाहिये। ताकि उनका आने वाला कल सुरक्षित और उज्जवल हो।
थिरकन की सचिव और प्रख्यात टीवी एंकर नन्दिनी सिंह ने बच्चों को संदेश देते हुये कहा कि जब मानव का जन्म होता है तो वो केवल कोरा कागज़ होता है लेकिन शिक्षा पा लेने के बाद वो ज्ञान की किताब बन जाता है। कहने का मतलब ये है कि शिक्षा और ज्ञान एक आम इन्सान को बेहतर नागरिक बना देते हैं जो दूसरों की ज़िन्दगी मे भी ज्ञाम की रोशनी कर सकता है।
इस मौके पर संस्था की अध्यक्ष स्नेहलता सिंह और सचिव नन्दिनी सिंह के अलावा सन्दीप सिंह और ममता सिद्धार्थ ने स्लम एरिया के बच्चों को फल और मिठाईयां बांटी। कार्यक्रम मे भागेदारी करने वाले बच्चों में गुड्डू, शबाना, अज़ीम, चाँदनी, साहिल एहसान, तारा, रोशनी, रुही, अंगूरी और वन्दना आदि के नाम प्रमुख हैं। इस दौरान थिरकन स्कूल मे पढ़ने वाले बच्चों की उपस्थिति भी खास रही।

Friday, November 12, 2010

Do You Know?


Do you know that according to RTE, all children between the ages of 6 and 14 shall have the right to free and compulsoryelementary education at a neighborhood school. There is no direct (school fees) or indirect cost (uniforms, textbooks, mid-day meals, transportation) to be borne by the child or the parents to obtain ...elementary education. The government will provide schooling free-of-costuntil a child’s elementary education is completed.” Share this with your friends and family. Please log on to- www.thirkanthengo.blogspot.com

Saturday, November 6, 2010

“थिरकन” की दिवाली


“थिरकन” की हमेशा ये कोशिश रही है कि किसी भी बड़े पर्व की खुशियां उन लोगों के साथ बांटी जायें जिनके पास पर्व मनाने के लिये आर्थिक साधन नही हैं। हर साल इसी संकल्प के चलते “थिरकन” ऐसे लोगों तक पंहुचने के प्रयास करती है। इस बार दिवाली का त्यौहार “थिरकन” ने गाज़ियाबाद के उन बच्चों के साथ मनाया जो झुग्गियों और सड़कों पर रहने को मजबूर हैं।
देश मे ऐसे लाखों बच्चें है जो गरीबी और मजबूरी के चलते अपने त्यौहार नही मना पाते। लेकिन आपकी एक कोशिश उन चेहरों पर मुस्कान ला सकती है। “थिरकन” पिछले नौ सालों से बिना किसी सरकारी आर्थिक मदद के अपने मिशन को आगे बढा रही है। जिसमें गरीब बच्चों के लिये फ्री स्कूल और क्लॉथ बैंक जैसे काम शामिल हैं। इस बार दिवाली पर “थिरकन” ने गाज़ियाबाद के वैशाली इलाके की झुग्गियों मे रहने वाले करीब पच्चीस बच्चों को उपहार दिये। उपहार की शक्ल मे मिठाई, फल, खील बताशे और पटाखे शामिल थे। बच्चें “थिरकन” से ये उपहार पाकर काफी खुश दिखाई दिये। “थिरकन” की ओर से इन बच्चों के परिवार वालों को भी मिठाई भिजवाई गयी। इस तरह से “थिरकन” ने इस दिवाली के त्यौहार पर कई चेहरों पर खुशियों की रोशनी लाने की कोशिश की। संस्था की ये कोशिश लगातार जारी रहेगी। “थिरकन” आप सभी से अपील करती है। इस तरह के बच्चों की मदद के लिये आगे आयें। क्योंकि आपका छोटा सा सहयोग किसी बच्चे के लिये एक बड़ी मदद साबित हो सकता है। आप “थिरकन” को किसी भी प्रकार से सहयोग कर सकते हैं। आप अपने पुराने और छोटे हो चुके कपड़े भी “थिरकन” क्लॉथ बैंक को दान कर सकते हैं। “थिरकन” को सहयोग करने के लिये आप हमें thirkan@gmail.com पर लिखें या फिर http://www.thirkanthengo.blogspot.com/ पर लॉगइन करें। हमारा मकसद कुछ मासूम चेहरों पर मुस्कान।

Friday, October 29, 2010

गरीब बच्चों के लिये थिरकन स्कूल

थिरकन वैलफेयर एसोसिएशन (रजि.) लगातार अपने मिशन को जारी रखे हुये है। थिरकन के मिशन को आगे बढाने के लिये संस्था के सदस्यों और सहयोगियों का बड़ा योगदान रहता है। अपने पिछले नौ सालों के सफर में थिरकन ने कई काम किये हैं जो समाज के लिये उपयोगी साबित हो रहे हैं। थिरकन ने इसी मकसद के चलते क्लॉथ बैंक की स्थापना की और सैंकड़ों गरीब बेसहारा लोगों को तन ढकने के लिये कपड़े और ज़रुरत का सामान भी दिया। इन सभी कामों के साथ थिरकन ने गरीब, बेसहारा और फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों में ज्ञान की अलख जलाने के लिये थिरकन स्कूल की शुरुआत की। पहले से सफलतापूर्वक 12 बच्चों की शिक्षा की ज़िम्मेदारी उठाने वाली संस्था थिरकन ने गाज़ियाबाद के वैशाली मे 15 बच्चों को पढाने का काम शुरु किया है। ये सभी बच्चे झुग्गियों और फुटपाथ पर रहने वाले हैं। इन्हे पढाने के लिये स्टेशनरी का सारा सामान भी थिरकन ने निशुल्क उपलब्ध कराया है। इन बच्चों को पढाने की ज़िम्मेदारी खुद संस्था की सचिव श्रीमती नन्दिनी सिंह ने ली है। जो टीवी पत्रकारिता के साथ-साथ शिक्षण का लम्बा अनुभव रखती हैं। थिरकन सभी लोगों से अपील करती है कि समाज मे रहने वाले जो लोग सक्षम हैं वो ऐसे लोगों की मदद के लिये आगे आयें ताकि कुछ लोगों की ज़िन्दगी मे शिक्षा का उजाला हो सके। अगर आप ऐसे बच्चों की मदद करना चाहते हैं तो हमें thirkan@gmail.com पर लिखें या http://www.thirkanthengo.blogspot.com/ पर लॉग ऑन करें।

Saturday, August 21, 2010

गाज़ियाबाद की झुग्गियों मे थिरकन ने बांटे कपड़े

उत्तर प्रदेश एंव एनसीआर की जानी-मानी प्रख्यात सामाजिक संस्था “थिरकन” अपने मिशन को लगातार आगे बढा रही है। पिछले नौ सालों से सामाजिक जागरुकता और समाज सेवा के कार्यों को “थिरकन” ने बिना किसी सरकारी आर्थिक मदद के अन्जाम दिया है। शनिवार को संस्था के कार्यकर्ताओं के साथ मशहूर फैशन डिज़ाइनर सन्जना जॉन ने गाज़ियाबाद के इन्द्रापुरम मे सैंकड़ो ज़रुरतमदों को कपड़े वितरित किये। इस दौरान गाज़ियाबाद के एस.पी. कैप्टन एम.एम. बैग भी मौजूद थे।
तयशुदा कार्यक्रम के मुताबिक “थिरकन” से जुड़े सभी सामाजिक कार्यकर्ता और भारत एंव यूरोप की मशहूर फैशन ड़िज़ाइनर सन्जना जॉन इन्द्रापुरम, ज्ञान खण्ड दो की झुग्गियों मे पंहुचे और यहां बारी बारी से बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को कपड़े बांटे गये। इस दौरान गाज़ियाबाद के एस.पी.(आर) कैप्टन एम.एम.बैग और इन्द्रापुरम के एसएचओ राजेश द्विवेदी ने भी कार्यक्रम मे शामिल होकर लोगों को कपड़े वितरित किये।
कपड़े वितरित किये जाने के बाद प्रख्यात फैशन ड़िज़ाइनर सन्जना जॉन ने कहा कि वो पिछले कई सालों से इस तरह के काम करती आ रही हैं लेकिन “थिरकन” का जो मकसद है उसने उन्हे प्रभावित भी किया और उनके साथ आने की प्रेरणा भी दी। उन्होने बताया कि वो कई दुनिया के कई देशों मे घूमती हैं लेकिन “थिरकन” जैसी संस्थाऐं केवल भारत मे ही देखने को मिलती है। उन्होने कहा कि वो जल्द ही “थिरकन” के साथ इस तरह का एक बड़ा आयोजन करेंगीं।
एस.पी. कैप्टन एम.एम.बैग ने इस मौके पर कहा कि जिस तरह से “थिरकन” पिछले कई सालों से सामाजिक कार्यों मे जुटी है वो प्रशंसा के योग्य है। उनका कहना था कि “थिरकन” क्लॉथ बैंक की तरह अन्य संस्थाओं को भी आगे आकर समाज की सेवा करनी चाहिये।
झुग्गी के लोगों की तरफ से रुपा देवी ने “थिरकन” संस्था के लोगों का आभार जताया। रुपा देवी ने बताया कि पहली बार किसी संस्था ने उनकी झुग्गियों मे आकर इस तरह से कपड़े वितरित किये हैं। इससे यहां रहने वाले सभी लोगों को खुशी हुई है।
“थिरकन” की अध्यक्षा श्रीमती स्नेहलता सिंह ने बताया कि “थिरकन” ने तीन साल पहले गरीबों और ज़रुरतमन्दो का तन ढकने के लिये क्लॉथ बैंक की स्थापना की थी। तब से अब तक संस्था कई जगह पर कपड़ों का वितरण कर चुकी है। उन्होने जानकारी देते हुये बताया कि लोगों के घरों मे अक्सर जब कपड़े छोटे हो जाते हैं या उनसे मन भर जाता है तो ऐसे कपड़ों को फैंक दिया जाता है या फिर उन्हे डस्टिंग और सफाई के काम लाया जाता है। देश मे हज़ारों ऐसे लोग हैं जिनके पास अपना तन ढकने के लिये कपड़े नही हैं। ऐसे लोगों के लिये हमारे पुराने कपड़े नये जैसे ही होते हैं। “थिरकन” लोगों से अपील करती है कि लोग ज़्यादा से ज़्यादा ऐसे कपड़ों को दान करें ताकि किसी गरीब का तन ढ़क सके। “थिरकन” का कहना है कि आपके पुराने कपड़े किसी गरीब का सपना हो सकते हैं।
करीब एक घन्टे चले इस कार्यक्रम में बिना किसी औपचारिकता के लगभग 110 लोगों को कपड़े दिये गये। “थिरकन” ने आगे भी यहां कपड़े देने का आश्वासन झुग्गी वासियों को दिया। इस मौके पर संस्था की सचिव और प्रख्यात टीवी एंकर नन्दनी सिंह, श्रीमती प्रियंका, शिवांग, संन्दीप कुमार, नन्दन सिंह पंवार, अनुराग चढ्ढा, कु. पूर्ति, भोलेनाथ शर्मा, दुर्गा और सुनील कुमार आदि ने कार्यक्रम में सहयोग किया।

Saturday, August 14, 2010

एक पौधा आज़ादी का......

आज़ादी का जश्न हम सब मना रहे हैं। लेकिन आज़ादी के मायने क्या हैं इस पर हम सब को सोचना चाहिये। हमें आज़ादी तो मिली पर उसके साथ कुछ ज़िम्मेदारियां भी आयीं। क्या हमने उन ज़िम्मेदारियों के प्रति ईमानदारी दिखाई? अगर नही तो आज फिर मौका है उस ज़िम्मेदारी को निभाने का...... “थिरकन” सभी देशवासियों से अपील करती है कि हम सब देश की प्रति अपनी ज़िम्मेदारी को समझे और आज़ादी के जश्न को सार्थक बनाते हुये एक पेड़ या पौधा अपने घर या आस-पास कहीं भी ज़रुर लगायें। ताकि हमारे पर्यावरण को भी प्रदुषण से आज़ादी मिल सके और हमारा कल भी प्रदुषण से आज़ाद हो।
जय हिन्द।

Sunday, April 4, 2010

Best National Anthem is JAN GAN MAN

UNESCO announces INDIAN NATIONAL ANTHEM as the BEST National Anthem in the World.

Monday, March 8, 2010

Happy International Women's Day

The THIRKAN celebrating International women's day. Women's Day or Working Women's Day is a day of international solidarity, and a day for reviewing the strength and organization of proletarian women.It was decided to have a Woman's Day in every country as a form of struggle in getting working women to vote. This day was to be a day of international solidarity in the fight for common objectives and a day for reviewing the organized strength of working women under the banner of socialism.
HAPPY INTERNATIONAL WOMEN’S DAY

Saturday, February 6, 2010

थिरकन ने दयानन्द आश्रम मे बांटा ज़रुरत का सामान

प्रख्यात सामाजिक संस्था "थिरकन" का मिशन तेज़ी के साथ आगे बढ़ रहा है। संस्था के स्वंयसेवीयों ने यमुनापार के महर्षि दयानन्द आश्रम मे जाकर अनाथ बेसहारा बच्चों की समस्याऐं सुनी और उन्हे ज़रुरत का सामान देने के साथ-साथ कपड़े भी बांटे। इस मौके पर फिरोज़ाबाद जाने से पहले एस.पी. सिटी ने इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की।
सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यों से अलग पहचान बनाने वाली संस्था "थिरकन" लगातार बिना किसी सरकारी मदद के आगे बढ रही है। संस्था ने कई ऐसे कार्य किये हैं जो उसकी पहचान बन गये इसी में शामिल है थिरकन का क्लॉथ बैंक। शनिवार को "थिरकन" के सदस्यों ने यमुनापार के महर्षि दयानन्द आश्रम मे जाकर वहां की अठ्ठारह लड़कियों और बयालिय लड़कों को कपड़े और ज़रुरत का सामान वितरित किया। इससे पहले इन बच्चों ने अपनी प्रदर्शन करते हुये स्वागत गान भी प्रस्तुत किया। इस मौके पर एस.पी. सिटी उदय प्रताप फिरोज़ाबाद मे चार्ज लेने से पहले यहां पंहुचे और उन्होने संस्था के कार्यों की सराहना की। उन्होने बच्चों को सम्बोधित करते हुये कहा कि जीवन में आप अगर सही कार्य पूरी ईमानदारी से करते हैं तो उसका फल आपको ज़रुर मिलता है। साथ मिलकर रहना और एक दूसरे के दुख-सुख को आपस बांटना भी जीवन में ज़रुरी होता है। इससे सुख बढ जाते हैं और दुख कम हो जाते हैं।
थिरकन के सदस्य सुमित गोयल के मुताबिक थिरकन लगातार पिछले कई सालों से प्रदेश के अलग-अलग ज़िलों मे काम कर रही है। इसके कार्य सदस्यों और आर्थिक सहयोग करने वाले कुछ लोगों की मदद से किये जा रहे हैं। संस्था का मकसद बच्चों और महिलाओं को जागरुक कर उन्हे आत्मनिर्भर बनाना भी है। इसके लिये समय-समय पर आयोजन किये जाते हैं। संस्था की सचिव और प्रख्यात टीवी एंकर नन्दनी सिंह ने बताया कि संस्था क्लॉथ बैंक के माध्यम से उन लोगों तक कपड़े पंहुचा रही है जो असहाय हैं। उन्होने शहरवासियों से अपने पुराने कपड़े थिरकन क्लॉथ बैंक को दान करने की अपील की।
कार्यक्रम के दौरान आश्रम मे रहने वाले लड़के और लड़कियों को पेस्ट, साबुन और हेयर ऑयल जैसी चीज़ों के अलावा 60 जोड़ी कपडे भी बाटें गये। आश्रम के बच्चों ने संस्था सचिव से आश्रम मे लगे कम्प्यूटर ठीक कराने की मांग की जिस पर "थिरकन" ने कम्प्यूटर ठीक कराने की व्यवस्था करा दी। इस मौके पर संस्था ने एस.पी. उदय प्रताप का आभार जताया। इस दौरान आश्रम के केयर टेकर राम नरेश यादव के अलावा सैय्यद राजू, जयदेव, रेखा, पूजा, अंकित, शेखर और मनीष शर्मा आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन सैय्यद राजू ने किया।

Saturday, January 30, 2010

"थिरकन" ने दी नेत्रहीनों को राहत

उत्तर प्रदेश की प्रख्यात सामाजिक संस्था "थिरकन" ने एक बार फिर अपने मिशन को अमली जामा पहनाया। इस बार संस्था के सेवियों ने सूरकुटी जाकर नेत्रहीनों के साथ वक्त बिताया और उनकी समस्याऐं भी सुनी। संस्था की ओर से उन्हे ज़रुरत का सामान और फल भी वितरित किये गये। इस दौरान एस.पी.सिटी उदय प्रताप भी संस्था की और से मौजूद रहे।
कीठम की सूरकुटी मे प्रख्यात सामाजिक संस्था "थिरकन" के कार्यक्रम की शुरुआत नेत्रहीन बच्चों ने भक्ति भजन के साथ की। यहां प्रवास करने वाले नेत्रहीनों की ज़िन्दगी में भले ही अन्धेरा हो लेकिन उनमें प्रतिभा की कोई कमी नही है। "थिरकन" जैसी सामाजिक संस्था हमेशा अपने प्रयासों से इनमें खुशी बांटने की कोशिश करती हैं। इसी कड़ी में संस्था ने इन बच्चों के साथ उनके दुख सुख बांटे। इसके बाद "थिरकन" की और से सूरकुटी में रहने वाले सभी नेत्रहीनों को ज़रुरत का सामान, स्लीपर और फल वितरित किये गये। कार्यक्रम मे संस्था की ओर से विशेषतौर पर शामिल एस.पी. सिटी उदय प्रताप ने कहा कि ये बच्चें भी हमारे समाज का एक अहम हिस्सा हैं। इनकी सेवा और मदद करना अपने आप मे बड़ा काम है। उन्होने संस्था के कार्यों की सराहना करते हुये कहा कि "थिरकन" लगातार समाज सेवा के जो काम कर रही है वो एक दिन दूसरे लोगों के लिये प्रेरणा बन जायेगें। इसलिये हम सभी को कहीं ना कहीं समाज सेवा का भाव ज़रुर रखना चाहिये।
इस मौके पर संस्था से जुड़े शहर के वरिष्ठ सी.ए. सर्वेश कुमार वाजपेयी ने बताया कि इस तरह काम संस्था पिछले नौ सालों से कर रही है और वो भी बिना किसी सरकारी मदद के। संस्था के सदस्य और सहयोगी ही संस्था को चला रहें हैं। वरिष्ठ सदस्य विकास अग्रवाल के मुताबिक संस्था का क्लॉथ बैंक भी सफलता पूर्वक चल रहा है, जहां लोग अपने वो पुराने कपड़े दान करते हैं अब जिन्हे वो नही पहनते और "थिरकन" का क्लॉथ बैंक उन कपड़ों को ज़रुरतमन्द लोगों तक पंहुचा रहा है। विकास ने बताया कि इसी तरह के कैम्प लगाकर संस्था कपड़े बांटेगी।
संस्था की सचिव और प्रख्यात टीवी एंकर नन्दनी सिंह ने अन्त मे सूरकुटी को हर सम्भव मदद का भरोसा दिलाते हुये सभी सदस्यों, सहयोगियों और एस.पी. सिटी का आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन सैय्यद राजू ने किया। इस मौके पर सूरकुटी विधालय के प्राचार्य महेश कुमार, सुपरवाइज़र केदार सिंह, एस.ओ. सिकन्दरा देशराज सिंह, अरमान, चन्द्रशेखर, अमज़द, मनीष शर्मा समेत कई लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम के अन्त मे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को भी याद किया गया।

Monday, January 18, 2010

"थिरकन" की नई योजनाऐं

"थिरकन" परिवार ने नये साल के पहले दिन कई ओर असहाय और गरीब बच्चों को साक्षर बनाने का प्रण लिया है। "थिरकन" पहले से ही ऐसे पांच बच्चों को स्कूली शिक्षा दिला रही है जिनका परिवार उन्हे पढाने सक्षम नही है। बिना किसी सराकारी मदद के संस्था अपने सदस्यों और सहयोगियों के बल पर ही इस काम को अन्जाम दे पा रही है। संस्था ने इस नये साल में भी कई तरह के सामाजिक कार्य करने की योजना बनाई है। जिनमे शिक्षा के अलावा सांस्कृतिक प्रशिक्षण, स्वास्थ जागरुकता और महिला उत्थान के कार्यक्रम प्रमुख हैं। इसके साथ ही "थिरकन" ने इस वर्ष स्वंयसेवी बनाने का निर्णय भी लिया है। जिसके तहत सामाजिक एंव रचनात्मक कार्यों मे रुचि रखने वाले प्रदेशभर के लोगों को संस्था से जोड़ा जायेगा। इस सम्बन्ध मे जानकारी के लिये या फिर संस्था को किसी भी तरह का सहयोग करने के लिये +91-941-242-6969 पर सम्पर्क किया जा सकता है।