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नागौर में पेंशनरों ने अपनी रूकी-रूकी सी जिंदगी को नया आयाम देने के लिए अब समाज सेवा करने का निर्णय लिया है। सरकारी कामकाज से मुक्त हो चुके पेंशनर अपने हितों का ध्यान रखने के साथ ही गरीबों व असहायों की सेवा करेंगे। यह संकल्प वार्षिक अघिवेशन एवं वरिष्ठ पेंशनर सम्मान समारोह में लिया गया। पेंशनरो ने स्वीकार किया कि उनके जीवन का संध्याकाल आ चुका है और इस स्थिति में समाज सेवा के जितने कार्य किए जाएं उतने ही कम है। यहां रतन बहन बालिका उच्च माध्यमिक स्कूल में समारोह की अध्यक्षता करते हुए लायन्स क्लब के पूर्व प्रान्तपाल जेठमल गहलोत ने कहा कि पेंशनर समाज के सेवा कार्यसराहनीय है। समाज ने यथार्थ के साथ जुडकर एक मिसाल कायम की है, इसे आगे बढाने की जरूरत है। समारोह के मुख्य अतिथि उपखण्ड अघिकारी शैलेन्द्र देवडा ने कहा कि पेंशनर समाज ने समाज सेवा के अनेक कार्यकर पहचान कायम की है।समाज के पिछले वर्षो में जन भावना के अनुरूप किए गए कार्यों की सराहना हो रही है। उन्होंने पेंशनर समाज की हर तरह से सेवा के लिए तैयार रहने का आश्वासन दिया। विशिष्ठ अतिथि जिला कोषाघिकारी कन्हैयालाल पालीवाल ने कहा कि पेंशनर स्त्रेह, श्रद्धा एवं विश्वास के प्रतीक है। पेंशनरों के अनुभव एवं ज्ञान का समाज के विकास में उपयोग संभव है। जिला शिक्षा अघिकारी (माध्यमिक प्रथम) दमयंती परमार ने कहा कि पेंशनर समाज दूसरों की भलाई में लगा है इससे समाज को प्रेरणा लेनी होगी। पेंशनर समाज के जिलाध्यक्ष शिवदत्त शर्माने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। समारोह में वरिष्ठ पेंशनर रामचन्द्र रणवाह, शिवदयाल मूथा व कन्हैयालाल ओझा ने भी विचार व्यक्त किए।
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